सरदार वल्लभ भाई पटेल के ये 10 विचार बदल सकते हैं आपका जीवन





 भारत के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की आज जयंती है.  हर साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है. सरदार पटेल की जयंती के मौके पर आज उनको पूरा देश याद कर रहा है. पटेल पेशे से वकील थे. उन्होंने ने ही  562 देशी रियासतों का भारत में विलय करवाया था. भारत को एक राष्ट्र बनाने में वल्लभ भाई पटेल की खास भूमिका है. सरदार पटेल के विचार आज भी लाखों लोगों को प्ररित करते हैं. उनके विचारों को अपना कर युवाओं का जीवन बदल सकता है. आइये जानते हैं सरदार वल्लभ भाई पटेल के 10 अनमोल विचारों के बारे में..

1. "इस मिट्टी में कुछ अनूठा है, जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है."

2. "आज हमें ऊंच-नीच, अमीर-गरीब, जाति-पंथ के भेदभावों को समाप्त कर देना चाहिए."

3. "शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है. विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए आवश्यक हैं."

4. "मनुष्य को ठंडा रहना चाहिए, क्रोध नहीं करना चाहिए. लोहा भले ही गर्म हो जाए, हथौड़े को तो ठंडा ही रहना चाहिए अन्यथा वह स्वयं अपना हत्था जला डालेगा. कोई भी राज्य प्रजा पर कितना ही गर्म क्यों न हो जाये, अंत में तो उसे ठंडा होना ही पड़ेगा.

5. "आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिये."

6. "अधिकार मनुष्य को तब तक अंधा बनाये रखेंगे, जब तक मनुष्य उस अधिकार को प्राप्त करने हेतु मूल्य न चुका दे."

7. "आपको अपना अपमान सहने की कला आनी चाहिए."

8. “मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई अन्न के लिए आंसू बहाता हुआ भूखा ना रहे.”

9. “जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के ऊँच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए.”

10. “संस्कृति समझ-बूझकर शांति पर रची गयी है. मरना होगा तो वे अपने पापों से मरेंगे। जो काम प्रेम, शांति से होता है, वह वैर-भाव से नहीं होता.”